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दिल के चंद एहसास



सुनो,,, तुमसे मोहब्बत की है,,बेइंतहा,, 
लेन-देन की रस्म नहीं भाती है।।
तुम्हारी मर्जी, न करो बात, कोई गिला नहीं,,,
मेरे दिल को, आपके दिल से,
मुलाकात करनी आती है।।



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना--- 


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6 Comments

Gunjan Kamal

07-Oct-2022 01:20 PM

बहुत खूब

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Supriya Pathak

17-Sep-2022 11:34 PM

Achha likha hai 💐

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Achha likha hai 💐

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